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Smog diplomacy: पाक नेता मरियम नवाज ने लिखा पत्र भेजने की बात की, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया जवाब

Smog diplomacy: वर्तमान में प्रदूषण और धुंए की समस्या केवल भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान में भी गंभीर रूप से बढ़ रही है। दोनों देशों में यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है, और अब पाकिस्तान भारत पर प्रदूषण बढ़ाने का आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान के नेता मरियम नवाज ने दावा किया है कि पंजाब में पराली जलाने से निकलने वाला धुंआ पाकिस्तान के शहर लाहौर तक पहुंच रहा है, और इसके लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है।

पाकिस्तान का आरोप: पंजाब से धुंआ पाकिस्तान जा रहा है

मरियम नवाज ने कहा है कि पंजाब में पराली जलाने के कारण भारी धुंआ फैल रहा है, जो लाहौर तक पहुंच रहा है। पाकिस्तान के नेताओं का कहना है कि यह प्रदूषण भारत से पाकिस्तान की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया गया है। मरियम नवाज ने यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखेंगी।

यह आरोप पाकिस्तान की ओर से एक प्रकार की “धुंआ कूटनीति” (Smog Diplomacy) के रूप में देखा जा रहा है, जहां पाकिस्तान इस प्रदूषण को लेकर भारत से अपनी चिंता व्यक्त कर रहा है।

Smog diplomacy: पाक नेता मरियम नवाज ने लिखा पत्र भेजने की बात की, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया जवाब

मुख्यमंत्री भगवंत मान का जवाब

पाकिस्तान के आरोपों पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मरियम नवाज का यह बयान एक तरह से “धुंआ कूटनीति” का हिस्सा है। भगवंत मान ने कहा, “मरियम नवाज कह रही हैं कि वह मुझे पत्र लिखेंगी कि हमारी (पंजाब की) धुंआ लाहौर पहुंच रहा है, जबकि दिल्ली भी हमें अपनी धुंआ के लिए दोषी ठहराती है। लगता है कि हमारा धुंआ तो गोल-गोल घूम रहा है।”

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भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि यह आरोप निराधार है और पंजाब इस समस्या को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विशेष प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है, जिससे यह समस्या बढ़ रही है।

पंजाब में पराली जलाने की समस्या

पंजाब में हर साल सर्दियों के मौसम में पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती है। किसानों के लिए पराली जलाना एक सस्ता और आसान तरीका है फसलों के अवशेषों को नष्ट करने का, लेकिन इससे निकलने वाला धुंआ हवा में प्रदूषण बढ़ा देता है। इस धुंए से न सिर्फ पंजाब और दिल्ली, बल्कि पाकिस्तान के कुछ शहर भी प्रभावित हो रहे हैं।

पंजाब सरकार और किसान संघों द्वारा केंद्र से कई बार अपील की गई है कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन दिए जाएं, ताकि वे पराली जलाने के बजाय अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों के लिए यह समस्या और भी जटिल हो गई है।

केंद्र सरकार की उपेक्षा पर मान की चिंता

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विशेष प्रोत्साहन देने की मांग कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही है। मान का कहना है कि केंद्र द्वारा किसानों को पर्याप्त मदद न मिलने के कारण यह समस्या और विकराल होती जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण की समस्या केवल पंजाब के लिए नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। चंडीगढ़ और दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है, और यह सभी को प्रभावित कर रहा है।

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प्रदूषण पर ध्यान देने की आवश्यकता

भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस प्रदूषण और धुंए की समस्या से जूझ रहे हैं, और यह केवल पारंपरिक राजनीतिक विवादों से कहीं बड़ा मुद्दा बन चुका है। प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां, सांस की समस्याएं, और पर्यावरणीय संकट सभी देशों के लिए गंभीर चिंता का कारण बने हुए हैं।

प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। केवल आरोप-प्रत्यारोप से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। इस समस्या से निपटने के लिए लंबी अवधि की योजना, सामूहिक प्रयास और केंद्रीय मदद की आवश्यकता है।

इस समय, पंजाब में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह किसानों के लिए ठोस कदम उठाए ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सहमति बनाई जा सके।

पाकिस्तान और भारत दोनों देशों को प्रदूषण और धुंए के इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की मांग सही है कि केंद्र सरकार किसानों को विशेष प्रोत्साहन दे, ताकि वे पराली जलाने से बच सकें। यदि यह समस्या नहीं सुलझाई जाती, तो न सिर्फ पंजाब, बल्कि पाकिस्तान और भारत के अन्य हिस्से भी इसके गंभीर परिणामों का सामना करेंगे।

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